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Bluetooth क्या है| और कैसे काम करता है|

ब्लूटूथ एक wireless टेक्नोलॉजी है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच डाटा का ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है. ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी ही एक मात्र ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डाटा एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में बिना किसी चार्ज के ट्रान्सफर किया जा सकता है. क्योकि ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी को छोड़कर और जितनी भी टेक्नोलॉजी डाटा ट्रान्सफर करने के लिए उपयोग होती है वो सभी टेक्नोलॉजी चार्जेबल होती है.

दोस्तों, आज हम इस आर्टिकल में हम ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के बारे वो सारी इनफार्मेशन देगे जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए. आज हम आपको इस आर्टिकल में ब्लूटूथ क्या है? ब्लूटूथ कैसे काम करता है. ब्लूटूथ नेटवर्क क्या है? ब्लूटूथ के फायेदे और नुकसान, और इसका उपयोग कहा-कहा किया जाता है आदि के बारे में बतायेगे. तो आइये जानते है कि ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी क्या है?

ब्लूटूथ क्या है What Is Bluetooth In Hindi|

ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिससे दो या अधिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच डाटा का ट्रान्सफर किया जाता है. ब्लूटूथ एक wireless टेक्नोलॉजी होती है जिसमे Radio Wave का उपयोग करके डाटा ट्रान्सफर किया जाता है.

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ब्लूटूथ से डाटा का ट्रान्सफर करने की अपनी कुछ limitation होती है जैसे कि यदि आप एक devices से दूसरी devices में डाटा ट्रान्सफर करना चाहते है तो दोनों devices में ब्लूटूथ का होना अनिवार्य होता है यदि एक device में ब्लूटूथ available है और दूसरी डिवाइस में ब्लूटूथ नही है तो डाटा का ट्रान्सफर possible नही है. ब्लूटूथ की second limitation ये होती है कि इसमें डाटा ट्रान्सफर तभी possible होता है जब दोनों devices के बीच कि distance बहुत short (लगभग 100 MTR) होती है.

ब्लूटूथ से डाटा का ट्रान्सफर कितनी distance तक कर सकते है ये ब्लूटूथ की transmit power पर depend करता है. वैसे हम आपको बता दे कि ब्लूटूथ से डाटा का ट्रान्सफर 10Mtr से 50Mtr तक आसानी से किया जा सकता है. लेकिन आज ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी इतना develop कर चुकी है और आज जो ब्लूटूथ मार्किट में available है उन ब्लूटूथ से डाटा को आसानी से 100Mtr तक ट्रान्सफर किया जा सकता है.

जिस तरह आज इन्टरनेट हमारी लाइफ का एक अहम् हिस्सा बन चूका है ठीक उसी तरह ब्लूटूथ भी हमारी लाइफ का एक अहम् हिस्सा बन चूका है. क्योकि आज हम ब्लूटूथ के उपयोग से अपने हैडफ़ोन, हैण्ड वाच, प्रिंटर, कार, लाउड स्पीकर, और घरो में उपयोग होने वाली IOT devices आदि सभी को control करते है. और ये सब devices ब्लूटूथ के उपयोग से हमारी लाइफ को बहुत simple बनाती है.

आप जरा सोचिये कि यदि आप अपने घर में कोई काम कर रहे है और उसी बीच यदि आपका phone रिंग करने लगता है तो, आपको अपना काम छोड़कर phone पिक करने के लिए phone के पास जाना पड़ेगा. लेकिन अब यदि आपके पास ब्लूटूथ Earphone है तो आपको कही भी उठकर जाने कि ज़रूरत नही पड़ती है. आप दूर से ही phone call को पिक कर सकते है.

ब्लूटूथ को सन 1996 में केबल की जगह wireless Replacement के तौर पर develop लिया गया है. ब्लूटूथ शब्द कि उत्पत्ति 10वी शताब्दी Danish King “Harold Bluetooth Garmsson” के नाम से हुई|

वर्तमान में ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का अविष्कार सबसे पहले हार्टसन ने किया था.

ब्लूटूथ के इस्तमाल से यूजर को किसी प्रकार के adapter, cable. cord आदि की जररत नही पड़ती.

ब्लूटूथ से डाटा ट्रान्सफर करने के लिए डाटा ट्रान्सफर रेट 24MBPS तक होता है. जो कि अपने आप में बहुत ज्यादा डाटा ट्रान्सफर speed होती है.

ब्लूटूथ कैसे काम करता है| How Does Bluetooth Work in hindi|

ब्लूटूथ का उपयोग आज कल विभिन्न प्रकार के गैजेट के उपयोग के रूप में किया जाता है. ब्लूटूथ low power radio wave के मध्यम से डेटा संचारित करता है . और 2.45 GHz frequency पर कम्युनिकेशन करता है।

जब कभी भी ब्लूटूथ से डेटा का ट्रांसफर किया जाता है तो सबसे पहले ब्लूटूथ को ऑन किया जाता है। On करने पर यह अपने चारो तरफ एक radius wireless network बना लेता है. On करने पर ब्लूटूथ, नेटवर्क में उपलब्ध devices को सर्च करके उससे कनेक्शन बना लेता है. और जब ये दोनों devices आपस में connect हो जाती है तो ये दोनों devices आपस में डाटा ट्रान्सफर करने के ready होते है. दोनों devices का आपस में जुड़ने को Bluetooth pairing कहते है.

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ब्लूटूथ नेटवर्क के प्रकार| Type Of Bluetooth network In Hindi|

जब कई ब्लूटूथ आपस में connect होकर एक नेटवर्क बनाते है तो उसे ब्लूटूथ नेटवर्क कहते है. ब्लूटूथ नेटवर्क के मुख्य रूप से दो element होते है. एक master और दूसरा slave| ब्लूटूथ नेटवर्क से जब डाटा ट्रान्सफर होता है तो उसमे जो डिवाइस डाटा ट्रान्सफर कर रही होती है वो master device और बाकि सभी slave device होती है.

वैसे इन सभी devices में कौन-सी डिवाइस master device होगी और कौन-सी डिवाइस slave device होगी ये उस समय की situation पर depend करता है.

ब्लूटूथ नेटवर्क में मुख्य रूप से दो प्रकार कि टेक्नोलॉजी उपयोग होती है.

  1. Piconet
  2. Scatternet

1. Piconet

Piconet में एक ही master devices होती है. और इसमें maximum 8 device को आपस में connect किया जा सकता है. जिसमे एक master और सात slave डिवाइस होती है. piconet में डाटा का ट्रान्सफर दो तरह से हो सकता है एक तो one-to-one होता है और दूसरा one-to-more|

one-to-one में डाटा का ट्रान्सफर, एक समय में master डिवाइस से सिर्फ एक slave device में होता है और one-to-more में डाटा ट्रान्सफर एक समय में कई slave device में होता है.

2. Scatternet

कई piconet नेटवर्क को जोड़कर एक scatternet बनता है. अथार्त कई piconet नेटवर्क को आपस में मिलकर डाटा ट्रान्सफर किया जाये तो उसे scatternet कहते है. एक piconet में जो slave device होती है वो scatternet में master डिवाइस की तरह काम करती है.

scatternet का उपयोग मुख्य रूप से तब किया जाता है जब डाटा का ट्रान्सफर अलग-अलग ब्लूटूथ version base पर होता है.

ब्लूटूथ एडेप्टर क्या है| What Is Bluetooth Adapter|

अब तक हम ये तो जान ही चुके है कि ब्लूटूथ से डाटा का ट्रान्सफर रेडियो वेव के रूप में होती है. ब्लूटूथ adapter में एक कार्ड होता है इस कार्ड के माध्यम से डाटा का आदान-प्रदान होता है और इसी कार्ड को ब्लूटूथ एडाप्टर भी कहा जाता है.

मार्किट में ब्लूटूथ Adapter अपने डाटा ट्रान्सफर रेंज के according available होते है.

ब्लूटूथ और वाई-फाई के बीच अंतर| Different Between Bluetooth and Wi-Fi In Hindi|

ब्लूटूथ और Wi-Fi दोनों का उपयोग डाटा का ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है. और दोनों ही टेक्नोलॉजी में Radio Wave के माध्यम से ही डाटा ट्रान्सफर होता है. लेकिन ब्लूटूथ और wi-fi दोनों की speed अलग-अलग होती है.

ब्लूटूथ और wi-fi दोनों में क्या-क्या different होता है आइये जानते है-

ब्लूटूथ वाई-फाई
1. इसमें बिजली की खपत बहुत कम होती है.1. इसमें बिजली की खपत ज्यादा होती है.
2. wi-fi के compare में ये बहुत कम secure है.2. wi-fi अच्छी security प्रदान करता है.
3. ब्लूटूथ से डाटा ट्रान्सफर की speed कम (24Mbps) होती है.3. wi-fi डाटा ट्रान्सफर speed अच्छी प्रदान करता है.
{802.11ax (wi-fi 6) 700Mbps}
4. इसमें connectivity के लिए सभी उपकरणों पर ब्लूटूथ adapter की आवश्यकता होती है.4. इसमें connectivity के लिए wireless adapter और wireless router की आवश्यकता होती है.
5. ब्लूटूथ 2.4GHz frequency पर काम करती है.5. wi-fi 2.4, 3.6 & 5 GHz frequency पर काम करता है.

ब्लूटूथ के लाभ| Advantage Of Bluetooth|

ब्लूटूथ के लाभ कुछ इस प्रकार है।

  • ब्लूटूथ Technology एक free डाटा ट्रांसफर टेक्नोलॉजी है। ब्लूटूथ technique एक ऐसी technique है जो डेटा ट्रांसफर करने के लिए कोई भी चार्ज नहीं लेटी है।
  • ये low power Consumption होती है.
  • ब्लूटूथ डिवाइस बहुत ही cheap cost में उपलब्ध होते है.
  • यदि आपका phone आपसे कुछ distance पर रखा है और यदि आप ब्लूटूथ का उपयोग करते है तो आप दूर से ही phone call को पिक कर सकते है.
  • ब्लूटूथ से आप 24 MBPS की speed से डाटा ट्रान्सफर कर सकते है.
  • ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी एक safe डाटा ट्रान्सफर टेक्नोलॉजी है क्योकि इसमें डाटा ट्रान्सफर करने के लिए FHSS (Frequency Hopping Spread Spectrum) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है.
  • ब्लूटूथ से डाटा ट्रान्सफर करते समय यदि कोई दीवार भी आती है तो भी डाटा ट्रान्सफर speed पर कोई effect नही पड़ता है.
  • इसका इस्तमाल voice और डाटा ट्रान्सफर के लिए होता है.
  • इसकी रेंज Infrared communication से अच्छी होती है.
ब्लूटूथ के नुकसान| Disadvantage Of Bluetooth |
  • ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा disadvantage इसकी security है. क्योकि इसमें डाटा ट्रान्सफर करने के लिए रेडियो frequency का उपयोग किया जाता है जोकि दीवार को भी आसानी से पार कर देती है इस कारण ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का उपयोग business या पर्सनल डाटा के लिए न करे.
  • इसमें battery usage बहुत ज्यादा होती है. वैसे आपने भी शायद ये सुना होगा कि ब्लूटूथ को कभी-भी बिना वजह on नही रखना चाहिए.
  • इसकी bandwidth कम होती है Wi-Fi के compare में.
  • ब्लूटूथ में डाटा ट्रान्सफर speed Bluetooth version to version होती है. अब यदि आपके पास कोई सस्ता phone है तो definitely ही उसमे ब्लूटूथ भी low version का होगा. और उसकी डाटा ट्रान्सफर speed भी कम ही होगी.
Application Of Bluetooth Technology|
  • फोन या कंप्यूटर से प्रिंट निकाल सकते है.
  • सभी peripheral डिवाइस जैसे कि – माउस, स्पीकर, Keyboard, प्रिंटर आदि को आसानी से PC/Computer से connect कर सकते है.
  • घरो में सभी डिवाइस को आपस में connect करके IOT का उपयोग कर सकते है.
  • कार की security कर सकते है.
Bluetooth Version List|
  1. Bluetooth V1.0 and 1.0B (1999)
  2. Bluetooth V1.1 (2001)
  3. Bluetooth V1.2 (2003)
  4. Bluetooth V2 (2004)
  5. Bluetooth V2.1 (2007)
  6. Bluetooth V3+HS (2009)
  7. Bluetooth V4 (2010)
  8. Bluetooth V4.1 (2013)
  9. Bluetooth V4.2 (2014)
  10. Bluetooth v5 (2016)
Conclusion|

दोस्तो, आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ब्लूटूथ क्या है| और कैसे काम करता है| आदि के बारे डिटेल से बताया गया है.

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